[8/22, 5:17 PM] +91 80905 19719: निवेदन है कि ये मैसेज ज़रूर पढ़ें-
आजकल एक बड़ा खतरनाक प्रचलन चला है हिन्दुओं में, वह यह कि जैसे ही कोई त्यौहार आने वाला होता है, खुद हिन्दू ही उस त्यौहार को ऐसे पेश करते हैं जैसे वो उनके ऊपर बोझ है :
1) रक्षाबंधन पर मूर्खता :
कुछ हिन्दू ऐसे मैसेज भेजते हैं कि ||कोई भी अनजान चीज को हाथ नहीं लगाये, उसमें राखी हो सकती है !! ||
अरे कूल dude !! तुम्हारे लिए अपनी बहन बोझ बन रही है?? तुम तो राखी का मज़ाक़ बना बैठे हो, तुम क्या अपनी माँ बहन की रक्षा करोगे? राखी एक रक्षा सूत्र है, अगर तुम भूल रहे हो तो याद दिलाऊँ राजस्थान में औरतें अपनी रक्षा के लिए जोहर कर आग में कूद जाती थी।
रानी पद्मिनी के साथ 36000 औरतें जोहर हो गयी थीं। एक महिला की रक्षा मज़ाक लगती है???
2) दशहरा पर मूर्खता :
यह मैसेज आजकल खूब प्रचलन में है कि || रावण सीता जी को उठा ले गया है और राम जी लंका पर चढ़ाई करने जा रहे हैं, उसके लिये बंदरो की आवश्यकता है, जो भी मैसेज पढ़े तुरंत निकल जाये ||
वाह!!! आज सीता अपहरण हिन्दुओं के लिए मज़ाक़ का विषय हो गया है। जोरू का गुलाम बनना गर्व का विषय और राम का सैनिक बनना मज़ाक़ हो रहा है!!!
दूसरा जोक || रावण को कोर्ट ले जाया गया व कहा गया कि गीता पर हाथ रख कसम खाओ तब रावण कहता है सीता पर हाथ रखा उसमें इतना बवाल हो गया, गीता पर रखा तो......||
यह बड़े शर्म की बात है कि अग्नि परीक्षा देने के बाद भी आज हिन्दू सीता माता के चरित्र पर सवाल उठाने को मज़ाक़ समझते हैं। कभी अपनी माता के बारें में ऐसे मज़ाक़ उड़ाया? अगर नहीं तो तुम्हें किसने हक दिया समस्त हिंदुत्व की माता पर हाथ रखने को मज़ाक़ बनाने का ????
एक हमारा मीडिया पहले ही हिन्दू त्यौहारों के पीछे पड़ा है-
होली पर पानी बर्बाद होता है लेकिन ईद पर जानवरों की क़ुरबानी धर्म है!
दिवाली पर पटाके छोड़ना प्रदूषण है पर ईसाई नव वर्ष पर आतिशबाजी जश्न है!
नवरात्री पर 10 बजे के बाद गरबा ध्वनि प्रदूषण हो जाती है, वहीं मोहरम की रात ढोल ताशे कूटना और नववर्ष की रात जानवरों की तरह 12 बजे तक बाजे बजाना धर्म है!!!
करवा चौथ और नाग पंचमी पाखंड है वहीं ईसा का मरकर पुनः लौटना गुड फ्राइडे वैज्ञानिक है!!
हिन्दुओं को यह लगता है कि अपने पर्व का मज़ाक़ बनाना सही है तो इससे बड़ी लानत क्या होगी??
हम राखी और सीता अपहरण पर मज़ाक़ करते हैं, इसके पीछे समाज की मानसिकता बनती है। लोग लड़की की रक्षा से कतराते हैं , क्योंकि राखी को हमने मज़ाक़ बना दिया है, हमने सीता माता जैसी पवित्र माँ का मज़ाक़ बना दिया है। इससे पता चलता है हम कितने धार्मिक हैं!
-------------------------
हिन्दू धर्म की विडंबना देखिए :-
जन्माष्टमी आयी तो श्री कृष्ण को टपोरी तडीपार और ना जाने क्या-क्या कहा!
गणेश जी आये तो उनका भी मज़ाक़ बनाया!
नवरात्रि आयी तो ये चुटकुला आया "नौ दिन दुर्गा-दुर्गा फिर मुर्गा-मुर्गा..."
विजयादशमी पर श्री राम-माता सीता और रावण पर चुटकुले चले!
अब दिवाली पर भी कुछ आ जायेगा!
कभी सोचा है ओरिजनली कौन ये सब पोस्ट कर रहा है??? ये कभी किसी ने भी जानने की कोशिश नहीं की.. बस अपने मोबाइल पर आया तो बिना सोचे समझे फॉरवर्ड करने की वही भेड़ चाल चालू..!!
इस तरह के मैसेज बनाने वाले जानते हैं कि हम हिन्दू अपने धर्म को लेके सजग नहीं हैं और एडवांस्ड दिखने के चक्कर में कुछ भी फॉरवर्ड कर देंगे. तभी ये ऐसे मैसेज बनाकर सर्कुलेट करते हैं!!
किसी और धर्म के लोगों को उनके धर्म के जोक्स पढ़ते या फॉरवर्ड करते देखा है?? उनको तो छोड़ो, आप भी उनके धर्म के जोक्स फॉरवर्ड करने से पहले 10 बार सोचते हो कि किसको भेजूँ-किसको नहीं?? तो हिन्दू धर्म का मज़ाक़ उड़ाते शर्म नहीं आती..??
मेरा करबद्ध निवेदन है कि अपने हाथों से अपने धर्म का अपमान ना करें..
कृपया ईस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें एवं अपने सभी मित्रो को अपने ही धर्म का मज़ाक ना उडाने की सलाह दें ||
प्रभु श्री कृष्ण नें कहा था "आप धर्म की रक्षा करोगे तो धर्म भी आपकी रक्षा करेगा ||
[8/23, 12:19 AM] +91 7234 081 046: पाकिस्तान के पास गांड धोने का भी पानी नही और हमारा काश्मीर लेने की बात करता हे
हर हिन्दुस्तानी देखेगा और शेयर करेगा आशुतोष का यह विडियो।।
दोस्तों बङी मुश्किल से मिला है शेयर करने मे कोई कसर मत छोङना
प्लीज प्लीज
[8/23, 12:19 AM] +91 7234 081 046: एक आदमी बोट से कही जा रहा था…
अचानक से ज़ोर से हवा चली और उसकी बोट पलट गयी!
उसे तैरना नही आता था...
वो प्रार्थना करने लगा
“भगवान, अगर मुझे बचा लिया तो मैं गरीबों में 21 किलो लड्डू बाटूंगा”
फिर ज़ोर से हवा चली और एक बड़ी सी लहर उसे ज़मीं पे ले गयी...
वो खड़ा हुआ और हँसते हुए ऊपर देख के बोला
“हाहा, कैसे लड्डू, कौन से लड्डू...?
फिर ज़ोर से हवा चली और एक बड़ी लहर ने उसे वापिस पानी में खीच लिया...
वो फिर चिल्ला के बोला...
“मतलब मैं पूछ रहा था बेसन के या बूंदी के..!!
[8/25, 1:12 PM] +91 82989 38310:
प्याज कोई खेल नहीं!
बढती प्याज की कीमतों के हिसाब से जल्दी ही फिल्मो के डायलाग इस प्रकार के होंगे !
मेरे करण अर्जुन आयेंगे;
और दो किलो प्याज़ लायेंगे. . .
ये ढाई किलो के प्याज़ जब आदमी लेता है ना;
तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है. . .
मेरे पास बंगला है गाडी है बैंक बैलेंस है रुपया है पैसा है, तुम्हारे पास क्या है?
मेरे पास प्याज़ है!
जिनके घर प्याज़ के सलाद होते हैं;
वो बत्ती बुझा कर खाना खाते हैं. . .
चिनॉय सेठ, प्याज़ बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं होती;
कट जाए तो खून निकल आता है. . .
मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता;
प्याज़ हो तो अलग बात है. . .
लगता है सब्जी मंडी में नए आये हो साहेब;
सारा शहर मुझे प्याज़ के नाम से जानता है. . .
11 राज्यों की सरकार मुझे ढूंढ़ रही है;
पर प्याज़ को खरीदना मुश्किल ही नहीं,नामुमकिन है. . .
ये प्याज मुझे दे-दे ठाकुर। . . .
तुम्हे चारो तरफ से पुलिस ने घेर लिया है;
अपनी सारी प्याज कानून के हवाले कर दो. . . .
[8/26, 11:52 PM] +91 90282 87248: कौन हैं योगी आदित्यनाथ जानिए,
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की गोरखपुर से सांसद हैं लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांच बार जीत दर्ज की...
योगी आदित्यनाथ बीएससी पास हैं 26साल की उम्र से ही सांसद हैं पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं,लेकिन उनकी इस चमत्कारी जीत के पीछे उनका कट्टर हिंदुत्व का एजेंडा हैं ऐसा एजेंडा जिससे उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई.
इतनी कि आखिरकार गोरखपुर में जो योगी कहे वही नियम है, वही कानून है.तभी तो उनके समर्थक नारा भी लगाते हैं,'गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा.
'1998 में शुरू हुई राजनीतिक पारी योगी आदित्यनाथ का असली नाम है अजय सिंह.
वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. गढ़वाल यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की.
गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें दीक्षा देकर योगी बनाया था अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया.
यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है.1998 में गोरखपुर से12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कमउम्र के सांसद थे
हिंदू युवा वाहिनी का गठन राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए.
योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई. 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया.गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा.योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए.
अब तक योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि जहां वो खड़े होते, वहाँ सभा शुरू हो जाती.वो जो बोल देते, उनके समर्थकों के लिए वो कानून हो जाता.
यही नहीं,होली और दीपावली जैसे त्योहार कब मनाया जाए, इसके लिए भी योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से फरमान जारी करते हैं इसलिए गोरखपुर में हिन्दूओं के त्योहार एक दिन बाद मनाए जाते हैं.
उर्दू बन गई हिंदी, मियां बदलकर मायायोगी आदित्यनाथ के तौर-तरीकों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए. इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया.अलीनगर आर्यनगर हो गया. मियां बाजार माया बाजार हो गया. इतना ही नहीं,
योगी आदित्यनाथ तो आजमगढ़ का नाम भी बदलवाना चाहते हैं.इसके पीछे आदित्यनाथ का तर्क है कि देश की पहचान हिंदी से है उर्दू से नहीं, आर्य से है अली से नहीं. गोरखपुर और आसपास के इलाके में योगी आदित्यनाथ और उनकी हिंदू युवा वाहिनी की तूती बोलती है.
बीजेपी में भी उनकी जबरदस्त धाक है.इसका प्रमाण यह है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया था
✯✯✯अनुरोध : अगर आप मेरा साथ देना चाहते हैं तो कृपया पोस्ट को कम से कम दो लोगो के पास पहुचाये।
अगर उत्तर प्रदेश को इस्लामिकरण से बचाना है तो बाबा योगी आदित्य नाथ को मुख्यमंत्री बनाना है।
[8/27, 4:24 PM] +91 99568 95009: मौजूद थी उदासी, अभी पिछली रात की,
बहला था दिल ज़रा सा, के फिर रात हो गयी..!!
शुभ-रात्रि
[8/27, 4:24 PM] +91 99568 95009: समंदर सारे शराब होते तो सोचो कितने फसाद होते,
गुनाह न होते सिर्फ सवाब होते तो सोचो कितने फसाद होते ,,
किसी के दिल में क्या छुपा है बस ये खुदा ही जानता है ,
दिल अगर बे नक़ाब होते तो सोचो कितने फसाद होते ,,
थी ख़ामोशी फितरत हमारी तभी तो बरसों भी निभा गई ,
अगर हमारे मुंह में भी जवाब होते तो सोचो कितने फसाद होते ,,
हम अच्छे थे पर लोगों की नज़र मैं सदा रहे बुरे ,
कहीं हम सच में खराब होते तो सोचो कितने फसाद होते ||
[8/27, 4:24 PM] +91 99568 95009: BREAKING NEWS ... ???
अभी अभी खबर मिली है कि पुलिस ने
एडमिन को रंगे हाथों गिरफ्तार
किया है.
वो खुलेआम प्याज के पराठे खा
रहे थे.
पुलिस ने उन पर आय से अधिक स़पत्ति का मामला दर्ज किया है ...
आजकल एक बड़ा खतरनाक प्रचलन चला है हिन्दुओं में, वह यह कि जैसे ही कोई त्यौहार आने वाला होता है, खुद हिन्दू ही उस त्यौहार को ऐसे पेश करते हैं जैसे वो उनके ऊपर बोझ है :
1) रक्षाबंधन पर मूर्खता :
कुछ हिन्दू ऐसे मैसेज भेजते हैं कि ||कोई भी अनजान चीज को हाथ नहीं लगाये, उसमें राखी हो सकती है !! ||
अरे कूल dude !! तुम्हारे लिए अपनी बहन बोझ बन रही है?? तुम तो राखी का मज़ाक़ बना बैठे हो, तुम क्या अपनी माँ बहन की रक्षा करोगे? राखी एक रक्षा सूत्र है, अगर तुम भूल रहे हो तो याद दिलाऊँ राजस्थान में औरतें अपनी रक्षा के लिए जोहर कर आग में कूद जाती थी।
रानी पद्मिनी के साथ 36000 औरतें जोहर हो गयी थीं। एक महिला की रक्षा मज़ाक लगती है???
2) दशहरा पर मूर्खता :
यह मैसेज आजकल खूब प्रचलन में है कि || रावण सीता जी को उठा ले गया है और राम जी लंका पर चढ़ाई करने जा रहे हैं, उसके लिये बंदरो की आवश्यकता है, जो भी मैसेज पढ़े तुरंत निकल जाये ||
वाह!!! आज सीता अपहरण हिन्दुओं के लिए मज़ाक़ का विषय हो गया है। जोरू का गुलाम बनना गर्व का विषय और राम का सैनिक बनना मज़ाक़ हो रहा है!!!
दूसरा जोक || रावण को कोर्ट ले जाया गया व कहा गया कि गीता पर हाथ रख कसम खाओ तब रावण कहता है सीता पर हाथ रखा उसमें इतना बवाल हो गया, गीता पर रखा तो......||
यह बड़े शर्म की बात है कि अग्नि परीक्षा देने के बाद भी आज हिन्दू सीता माता के चरित्र पर सवाल उठाने को मज़ाक़ समझते हैं। कभी अपनी माता के बारें में ऐसे मज़ाक़ उड़ाया? अगर नहीं तो तुम्हें किसने हक दिया समस्त हिंदुत्व की माता पर हाथ रखने को मज़ाक़ बनाने का ????
एक हमारा मीडिया पहले ही हिन्दू त्यौहारों के पीछे पड़ा है-
होली पर पानी बर्बाद होता है लेकिन ईद पर जानवरों की क़ुरबानी धर्म है!
दिवाली पर पटाके छोड़ना प्रदूषण है पर ईसाई नव वर्ष पर आतिशबाजी जश्न है!
नवरात्री पर 10 बजे के बाद गरबा ध्वनि प्रदूषण हो जाती है, वहीं मोहरम की रात ढोल ताशे कूटना और नववर्ष की रात जानवरों की तरह 12 बजे तक बाजे बजाना धर्म है!!!
करवा चौथ और नाग पंचमी पाखंड है वहीं ईसा का मरकर पुनः लौटना गुड फ्राइडे वैज्ञानिक है!!
हिन्दुओं को यह लगता है कि अपने पर्व का मज़ाक़ बनाना सही है तो इससे बड़ी लानत क्या होगी??
हम राखी और सीता अपहरण पर मज़ाक़ करते हैं, इसके पीछे समाज की मानसिकता बनती है। लोग लड़की की रक्षा से कतराते हैं , क्योंकि राखी को हमने मज़ाक़ बना दिया है, हमने सीता माता जैसी पवित्र माँ का मज़ाक़ बना दिया है। इससे पता चलता है हम कितने धार्मिक हैं!
-------------------------
हिन्दू धर्म की विडंबना देखिए :-
जन्माष्टमी आयी तो श्री कृष्ण को टपोरी तडीपार और ना जाने क्या-क्या कहा!
गणेश जी आये तो उनका भी मज़ाक़ बनाया!
नवरात्रि आयी तो ये चुटकुला आया "नौ दिन दुर्गा-दुर्गा फिर मुर्गा-मुर्गा..."
विजयादशमी पर श्री राम-माता सीता और रावण पर चुटकुले चले!
अब दिवाली पर भी कुछ आ जायेगा!
कभी सोचा है ओरिजनली कौन ये सब पोस्ट कर रहा है??? ये कभी किसी ने भी जानने की कोशिश नहीं की.. बस अपने मोबाइल पर आया तो बिना सोचे समझे फॉरवर्ड करने की वही भेड़ चाल चालू..!!
इस तरह के मैसेज बनाने वाले जानते हैं कि हम हिन्दू अपने धर्म को लेके सजग नहीं हैं और एडवांस्ड दिखने के चक्कर में कुछ भी फॉरवर्ड कर देंगे. तभी ये ऐसे मैसेज बनाकर सर्कुलेट करते हैं!!
किसी और धर्म के लोगों को उनके धर्म के जोक्स पढ़ते या फॉरवर्ड करते देखा है?? उनको तो छोड़ो, आप भी उनके धर्म के जोक्स फॉरवर्ड करने से पहले 10 बार सोचते हो कि किसको भेजूँ-किसको नहीं?? तो हिन्दू धर्म का मज़ाक़ उड़ाते शर्म नहीं आती..??
मेरा करबद्ध निवेदन है कि अपने हाथों से अपने धर्म का अपमान ना करें..
कृपया ईस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर करें एवं अपने सभी मित्रो को अपने ही धर्म का मज़ाक ना उडाने की सलाह दें ||
प्रभु श्री कृष्ण नें कहा था "आप धर्म की रक्षा करोगे तो धर्म भी आपकी रक्षा करेगा ||
[8/23, 12:19 AM] +91 7234 081 046: पाकिस्तान के पास गांड धोने का भी पानी नही और हमारा काश्मीर लेने की बात करता हे
हर हिन्दुस्तानी देखेगा और शेयर करेगा आशुतोष का यह विडियो।।
दोस्तों बङी मुश्किल से मिला है शेयर करने मे कोई कसर मत छोङना
प्लीज प्लीज
[8/23, 12:19 AM] +91 7234 081 046: एक आदमी बोट से कही जा रहा था…
अचानक से ज़ोर से हवा चली और उसकी बोट पलट गयी!
उसे तैरना नही आता था...
वो प्रार्थना करने लगा
“भगवान, अगर मुझे बचा लिया तो मैं गरीबों में 21 किलो लड्डू बाटूंगा”
फिर ज़ोर से हवा चली और एक बड़ी सी लहर उसे ज़मीं पे ले गयी...
वो खड़ा हुआ और हँसते हुए ऊपर देख के बोला
“हाहा, कैसे लड्डू, कौन से लड्डू...?
फिर ज़ोर से हवा चली और एक बड़ी लहर ने उसे वापिस पानी में खीच लिया...
वो फिर चिल्ला के बोला...
“मतलब मैं पूछ रहा था बेसन के या बूंदी के..!!
[8/25, 1:12 PM] +91 82989 38310:
प्याज कोई खेल नहीं!
बढती प्याज की कीमतों के हिसाब से जल्दी ही फिल्मो के डायलाग इस प्रकार के होंगे !
मेरे करण अर्जुन आयेंगे;
और दो किलो प्याज़ लायेंगे. . .
ये ढाई किलो के प्याज़ जब आदमी लेता है ना;
तो आदमी उठता नहीं उठ जाता है. . .
मेरे पास बंगला है गाडी है बैंक बैलेंस है रुपया है पैसा है, तुम्हारे पास क्या है?
मेरे पास प्याज़ है!
जिनके घर प्याज़ के सलाद होते हैं;
वो बत्ती बुझा कर खाना खाते हैं. . .
चिनॉय सेठ, प्याज़ बच्चों के खेलने की चीज़ नहीं होती;
कट जाए तो खून निकल आता है. . .
मैं आज भी फेंके हुए पैसे नहीं उठाता;
प्याज़ हो तो अलग बात है. . .
लगता है सब्जी मंडी में नए आये हो साहेब;
सारा शहर मुझे प्याज़ के नाम से जानता है. . .
11 राज्यों की सरकार मुझे ढूंढ़ रही है;
पर प्याज़ को खरीदना मुश्किल ही नहीं,नामुमकिन है. . .
ये प्याज मुझे दे-दे ठाकुर। . . .
तुम्हे चारो तरफ से पुलिस ने घेर लिया है;
अपनी सारी प्याज कानून के हवाले कर दो. . . .
[8/26, 11:52 PM] +91 90282 87248: कौन हैं योगी आदित्यनाथ जानिए,
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की गोरखपुर से सांसद हैं लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांच बार जीत दर्ज की...
योगी आदित्यनाथ बीएससी पास हैं 26साल की उम्र से ही सांसद हैं पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं,लेकिन उनकी इस चमत्कारी जीत के पीछे उनका कट्टर हिंदुत्व का एजेंडा हैं ऐसा एजेंडा जिससे उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई.
इतनी कि आखिरकार गोरखपुर में जो योगी कहे वही नियम है, वही कानून है.तभी तो उनके समर्थक नारा भी लगाते हैं,'गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा.
'1998 में शुरू हुई राजनीतिक पारी योगी आदित्यनाथ का असली नाम है अजय सिंह.
वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. गढ़वाल यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की.
गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें दीक्षा देकर योगी बनाया था अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया.
यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है.1998 में गोरखपुर से12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कमउम्र के सांसद थे
हिंदू युवा वाहिनी का गठन राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए.
योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई. 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया.गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा.योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए.
अब तक योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि जहां वो खड़े होते, वहाँ सभा शुरू हो जाती.वो जो बोल देते, उनके समर्थकों के लिए वो कानून हो जाता.
यही नहीं,होली और दीपावली जैसे त्योहार कब मनाया जाए, इसके लिए भी योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से फरमान जारी करते हैं इसलिए गोरखपुर में हिन्दूओं के त्योहार एक दिन बाद मनाए जाते हैं.
उर्दू बन गई हिंदी, मियां बदलकर मायायोगी आदित्यनाथ के तौर-तरीकों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए. इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया.अलीनगर आर्यनगर हो गया. मियां बाजार माया बाजार हो गया. इतना ही नहीं,
योगी आदित्यनाथ तो आजमगढ़ का नाम भी बदलवाना चाहते हैं.इसके पीछे आदित्यनाथ का तर्क है कि देश की पहचान हिंदी से है उर्दू से नहीं, आर्य से है अली से नहीं. गोरखपुर और आसपास के इलाके में योगी आदित्यनाथ और उनकी हिंदू युवा वाहिनी की तूती बोलती है.
बीजेपी में भी उनकी जबरदस्त धाक है.इसका प्रमाण यह है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया था
✯✯✯अनुरोध : अगर आप मेरा साथ देना चाहते हैं तो कृपया पोस्ट को कम से कम दो लोगो के पास पहुचाये।
अगर उत्तर प्रदेश को इस्लामिकरण से बचाना है तो बाबा योगी आदित्य नाथ को मुख्यमंत्री बनाना है।
[8/27, 4:24 PM] +91 99568 95009: मौजूद थी उदासी, अभी पिछली रात की,
बहला था दिल ज़रा सा, के फिर रात हो गयी..!!
शुभ-रात्रि
[8/27, 4:24 PM] +91 99568 95009: समंदर सारे शराब होते तो सोचो कितने फसाद होते,
गुनाह न होते सिर्फ सवाब होते तो सोचो कितने फसाद होते ,,
किसी के दिल में क्या छुपा है बस ये खुदा ही जानता है ,
दिल अगर बे नक़ाब होते तो सोचो कितने फसाद होते ,,
थी ख़ामोशी फितरत हमारी तभी तो बरसों भी निभा गई ,
अगर हमारे मुंह में भी जवाब होते तो सोचो कितने फसाद होते ,,
हम अच्छे थे पर लोगों की नज़र मैं सदा रहे बुरे ,
कहीं हम सच में खराब होते तो सोचो कितने फसाद होते ||
[8/27, 4:24 PM] +91 99568 95009: BREAKING NEWS ... ???
अभी अभी खबर मिली है कि पुलिस ने
एडमिन को रंगे हाथों गिरफ्तार
किया है.
वो खुलेआम प्याज के पराठे खा
रहे थे.
पुलिस ने उन पर आय से अधिक स़पत्ति का मामला दर्ज किया है ...